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टूटूं अगर जो तो
बाहों में भर ले
ख़ामोशी की चीखों
को आँखों से पढ़ ले
बिखरूं अगर जो तो
बाहों में भर ले
हाथों की लकीरों को
अपनी मुट्ठी में कर ले
लड़खड़ाऊं अगर ज
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टूटूं अगर जो तो
बाहों में भर ले
ख़ामोशी की चीखों
को आँखों से पढ़ ले
बिखरूं अगर जो तो
बाहों में भर ले
हाथों की लकीरों को
अपनी मुट्ठी में कर ले
लड़खड़ाऊं अगर ज
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