मेरे कंधों पर घर की जिम्मेदारी है's image
1 min read

मेरे कंधों पर घर की जिम्मेदारी है

Rohit Ki PoetryRohit Ki Poetry January 4, 2022
Share0 Bookmarks 48880 Reads1 Likes
मेरे कंधों पर:-
घर की जिम्मेदारी है
मैं अब थोड़ा बड़ा हो गया हूँ ,
कोई मुझे नालायक नहीं समझता ,
शायद मैं अपने पैरों पर खड़ा हो गया हूँ ,
जमाने भर 

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts