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मेरे कंधों पर:-
घर की जिम्मेदारी है
मैं अब थोड़ा बड़ा हो गया हूँ ,
कोई मुझे नालायक नहीं समझता ,
शायद मैं अपने पैरों पर खड़ा हो गया हूँ ,
जमाने भर 
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