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बढ़ा कर दो कदम आगे
चुनौती को ललकारो तो सही
पौरुष को अपने एक बार
लगन से पुकारो तो सही
डरा रहे है जो आज़माइशों के अँधेरे
आभास उनको अपने वजूद का
कराओ तो सही
तुम स्वयं सवेरे क
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बढ़ा कर दो कदम आगे
चुनौती को ललकारो तो सही
पौरुष को अपने एक बार
लगन से पुकारो तो सही
डरा रहे है जो आज़माइशों के अँधेरे
आभास उनको अपने वजूद का
कराओ तो सही
तुम स्वयं सवेरे क
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