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II अभिवंदना।I
महिषासुर मर्दिनी कालरात्रि दुर्गा अनन्या
आवाहन तेरा आज मिलकर हम सब करें
हे शैलपुत्री ब्रह्मचारिणी चामुण्डा हो तुम
पुष्प श्रद्धा के चरणों में तेरे अर्पित हम करें
हे करूणामयी वरदायनी अम्बालिका हो तुम
तुम्हारी अनंत कृपा सृष्टि पर सदा बनी रहे
ज्ञान और विद्या से आलोकित हो मस्तिष्क
सशक्त हों भुजाएँ विजय मन को अपने करें
हे चंद्रघंटा, माँ कूष्मांडा पूजन अभिवंदन तेरा
अखण्ड ज्योति की उज्जवल लौ से हम करें
दूर हों विपदा सारी कल्याण सबका तुम करो
सुख शान्ति स्वास्थ्य अन्न व धन सबको मिले
हे सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री यशस्विनी स्कंदमाता
कमल के श्वेत फूलों से हम
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