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उषा की उज्जवल किरण के
जैसे कुंदन होती है बेटियाँ
अनन्ता,अनन्या,आद्या,अर्चना
और अभिवंदना होती है बेटियाँ
अपनी प्रीत और प्रेम के प्रकाश से
जग को रोशन कर देती है बेटियाँ
जिस घर जाती है उस घर को
सौभाग्य से भर देती है बेटियाँ
जीवन में सबके खुशियों के
अनगिनत पल भर देती है बेटियाँ
संजो कर बिखरे रंगो को
सुन्दर इंद्रधनुष कर देती है बेटियाँ
जो ठान लेती है एक बार उसे
पूरा कर के ही दम लेती है बेटियाँ
जमीन और आसमान को एक कर देती है
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