
Share0 Bookmarks 37 Reads0 Likes
घर का दरवाजा बन गया है लक्ष्मण रेखा।
बिन बुलाई मौत लगा रही है बाहर फेरा।
डर का मंजर ऐसा कभी किसी ने न देखा।
जीवन पूरा बन गया है बस सांसो का डेरा।
No posts
No posts
No posts
No posts
घर का दरवाजा बन गया है लक्ष्मण रेखा।
बिन बुलाई मौत लगा रही है बाहर फेरा।
डर का मंजर ऐसा कभी किसी ने न देखा।
जीवन पूरा बन गया है बस सांसो का डेरा।
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments