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गर चाहो कभी किसी के प्यार को आज़माना...
तो सुख में नहीं उसे दर्द में आवाज़ लगाना....
तुम्हारे लिए दुनिया छोड़ दे तो उसके हो जाना
दुनिया के लिए तुम्हें छोड़ दे तो खुद ही समझ जाना...
- ऋचा अनिरुद्ध
दूर कहीं से गीली मिट्टी की सौंधी सी महक..
बिछड़े दोस्त की याद की तरह आती है...
कुछ पाने की खुशी कुछ छूट जाने का मलाल...
- ऋचा अनिरुद्ध
दिमाग तो जानता है तुम नहीं आओगे..
क्या करें कमबख़्त दिल को इंतज़ार की आदत सी पड़ गई है
- ऋचा अनिरुद्ध
आज एक
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