तू अपने पास रख's image
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ये तेरा शबाब और हुस्न की नुमाईश मुझे नहीं चाहिए, तू अपने पास रख।

महताब से दिल लगा बैठा हूँ, तेरी रात तू अपने पास रख।


यूँ आते जाते मिलना, मेरी आदतों और बातों पर तेरा टोकना,

मुझे खलिश देता है, तेरी हिफाजत तेरे पास रख।


मैं मेरी आश्ना के इश्क का कफ़न ओढ़े बैठा हूँ,

अब तू तेरा तमाशाई-ए-क़बा तेरे पास रख।


सुना है बहुत तलबगार-ओ-रक़ीब हैं तेरे,

तो तेरी ख़

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