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जानिए समझिए

AbhishekAbhishek February 1, 2022
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घंटो तक कहीं जो रुकी रहे, 

उसे रेल नहीं कहते


बच्चे आपस में न उलझें तो, 

उसे खेल नहीं कहते


भारी छूट ना मिले अगर,

उसे सेल नहीं कहते


कोशिशें जारी रखे इंसां तो, 

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