मै तुम और पतझड़'s image
Poetry1 min read

मै तुम और पतझड़

Ravindra RajdarRavindra Rajdar April 25, 2022
Share0 Bookmarks 49566 Reads1 Likes

अखरते रहे मुझमे तुम जब मै बिखर गया, 

आयी ऋतू बसंत की तब मै निखर गया। 


नए लोगों से दिल को लगा तो लिया हमने, 

देख के नयी हरियाली लगा मै संवर गया। 


तुम भी तो टूटे थे जब हम दोनों छूटे थे, 

सूखा चमन जो था वो फूलों से भर

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts