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यादों के सिलसिले कुछ यूं मचलते रहे,
जैसे सूने रेगिस्तान में काफ़िले चलते रहे
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यादों के सिलसिले कुछ यूं मचलते रहे,
जैसे सूने रेगिस्तान में काफ़िले चलते रहे
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