धूप में जलने का भी अपना एक मज़ा है,
अपने आप से उलझने का भी एक मज़ा है।
हर पल ठोकरें खाती हुई इस ज़िंदगी में,
गिर कर ख़ुद ही संभलने का भी एक मज़ा है।
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