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एहसास -ए -मोहब्बत (रवि कान्त कुड़ेरिया)

Ravi kant KuderiyaRavi kant Kuderiya October 30, 2021
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जा चुकी हो मीलों दूर कहीं छोड़कर हमे  लेकिन आज भी तू इस दिल के पास है

थाम लिया है गैरों का गैरों का हाथ तुमने, लेकिन इन वाहों को आज भी तेरा एहसास है।


वक़्त-वेवक्त न जाने क्यों ब

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