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त्याग, तप से सज्जित मन,
स्वदेश के लिए समर्पित तन,
राष्ट्रभक्ति हो हृृृृदय कि अभिलाषा,
गौरांवित हो हिन्दी राष्ट्रभाषा,
दूसरों कि संस्कृति अपनाने से पहले,
अपनी संस्कृति और सभ्यता को आगे बढाइये,
देश का गौरव बढ़ाइये।
धर्म और विज्ञान दोनों का साथ हो,
हर क्षेत्र में भारत का विकास हो,
हो संसार में हमारा वैभव दूना,<
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