
श्रवण दोष या हियरिंग लॉस या साधारण भाषा में कहें तो सुनने में कमी,आज एक बहुत बड़ी समस्या बन के उभर के आई है। सुनने में कमी की वजह से हमारे जीवन की दैनिक क्रिया कलापों पर भी असर पड़ता है। सबसे बड़ी जो आज चुनौती है;जागरूकता की कमी समाज का एक बहुत बड़ा हिस्सा आज भी सुनने की कमी से होने वाली समस्याओं के बारे में नहीं जानता। बहुत सारे बच्चे जो जन्म से श्रवणदोष से पीड़ित हैं, जागरूकता की कमी से वो सही समय पर उपचार या पुनर्वास नहीं पा पाते। जितना देरी हियरिंग लॉस या सुनने में कमी की समस्या का पता लगाने में होती है,उतनी ही मुश्किल होती है निदान में।
क्या आप जानते हैं कि बच्चे सुनने में कमी की वजह से बोल नहीं पाते,आज भी अंधविश्वास के कारण सही उपचार नहीं हो पाता बहुत से लोग आज भी अगर कोई बच्चा नहीं बोल पा रहा तो इंतजार करते हैं उसके बोलने के और उसकी भाषा एवं बोलने के विकास की उम्र निकल जाती है। आज 3 मार्च को वर्ल्ड हियरिंग डे के उपलक्ष्य में आप सभी से आग्रह है अपनी एवं परिवार की सुनने की क्षमता का ख्याल रखें और कानों का भी। कोई भी समस्या होने की स्थिति में श्रवण एवम वाक भाषा विशेषज्ञ (Audiologist and speech language therapist) से संपर्क करें।
-Ramji Pathak
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