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Nepali PoetryArticle1 min read

एक विरहनी की वेदना

Ram Krishan RastogiRam Krishan Rastogi December 6, 2021
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दिल धड़कता नही अब तुम्हारे बिना
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दिल धड़कता नही अब तुम्हारे बिना।
जी नहीं सकती मै अब तुम्हारे बिना।।

जब से पड़ी दिल पे तुम्हारी परछाई।
बजने लगी दिल में तुम्हारी शहनाई।।

आ जाओ सनम अब बारात तुम लेके।
खड़ी हूं द्वार पर फूलो का हार म

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