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'तुमने कुछ बात न की,
या कुछ बात ही न थी ।
मैं रुका था तुम्हारे लिए,
आखिर लड़ाई जैसी तो कुछ बात ही न थी ।
चलो आज इस बात को यहीं खत्म करते हैं
क्योंकि तुमसे आगे बात हो ऐसी तुममे बात ही नहीं
जात-पात घरवाले अगर आने ही थे तो शुरूआत में आते,
वही बहाना तुमने आखिरी में दिया
क्या सच में यही बात थी
या कुछ बात ही न थी । "
"शिवम"
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