Share0 Bookmarks 48581 Reads1 Likes
तेरी बातें है किसी मीठे से जादू की तरह
जो आ लगी है मेरे सीने में चाकू की तरह
मेरी आँखों ने जब से दरिया को पहचाना है
गिरा रही हैं तब से आँसू को आँसू की तरह
तू मेरे सामने है गर जो हक़ीक़त बनकर
दिखा था रात में फिर कौन वो जुगनू की तरह
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments