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बढ़ रही दुश्मनी हर रोज लोगों में,
जाति पाति धर्म की है खोज लोगों में,
मानवता अब गुमनाम हो रही हर दिन,
घर कर रही है तेज़ कुंठित सोच लोगों में,
शुरू है धर्म पर लड़ना अभी तो जात बाकी है,
वर्ग और पंथ से करना दो दो हाथ बाकी है,
सहनशीलता घट रही औ बढ़ रहा है रोष लोगों में,
घर कर रही है तेज़ कुंठित सोच लोगों में,
शिक्षा और शिक्षक की स्थिति सब जानते ही हैं ,
असर होना नहीं अब किसी को कुछ भी कहने से,
रत्ती भर भी अब बचा नहीं संतोष लोगों में,
घर कर रही है तेज़ कुंठित सोच लोगों में,
~ Rajesh Kashivasi
जाति पाति धर्म की है खोज लोगों में,
मानवता अब गुमनाम हो रही हर दिन,
घर कर रही है तेज़ कुंठित सोच लोगों में,
शुरू है धर्म पर लड़ना अभी तो जात बाकी है,
वर्ग और पंथ से करना दो दो हाथ बाकी है,
सहनशीलता घट रही औ बढ़ रहा है रोष लोगों में,
घर कर रही है तेज़ कुंठित सोच लोगों में,
शिक्षा और शिक्षक की स्थिति सब जानते ही हैं ,
असर होना नहीं अब किसी को कुछ भी कहने से,
रत्ती भर भी अब बचा नहीं संतोष लोगों में,
घर कर रही है तेज़ कुंठित सोच लोगों में,
~ Rajesh Kashivasi
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