Share0 Bookmarks 48751 Reads1 Likes
आज रात भर जगकर एक सुनहरा ख्वाब देखा है
इन मसलती आँखों से पहली बार ढलता महताब देखा है
आज हवाओं मे नई महक आई है
सूरज ने सालों बाद लाली दिखाई है
आज उबासियों की जगह अंगड़ाईयों का मन है
आज हर एक चेहरा खिलता चमन है
आज फोन हाथों से छूट नही रहा है
ख्यालों से ये क़सीदा टूट नही रहा है
आज आलस और देर तक सोना सब ना-ग़वार है
बस तेरी कॉल का इन्तज़ार है।
आज कोई सुनहर
इन मसलती आँखों से पहली बार ढलता महताब देखा है
आज हवाओं मे नई महक आई है
सूरज ने सालों बाद लाली दिखाई है
आज उबासियों की जगह अंगड़ाईयों का मन है
आज हर एक चेहरा खिलता चमन है
आज फोन हाथों से छूट नही रहा है
ख्यालों से ये क़सीदा टूट नही रहा है
आज आलस और देर तक सोना सब ना-ग़वार है
बस तेरी कॉल का इन्तज़ार है।
आज कोई सुनहर
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments