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काॅल का इंतज़ार

KuraajKuraaj December 12, 2021
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आज रात भर जगकर एक सुनहरा ख्वाब देखा है
इन मसलती आँखों से पहली बार ढलता महताब देखा है
आज हवाओं मे नई महक आई है
सूरज ने सालों बाद लाली दिखाई है
आज उबासियों की जगह अंगड़ाईयों का मन है
आज हर एक चेहरा खिलता चमन है
आज फोन हाथों से छूट नही रहा है
ख्यालों से ये क़सीदा टूट नही रहा है
आज आलस और देर तक सोना सब ना-ग़वार है
बस तेरी कॉल का इन्तज़ार है।

आज कोई सुनहर

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