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सद्गुण कुछ तेरे मुझमें,
अवगुण सब मेरे,
लोरी सी तेरी यादें,
माँ तू कहाँ गई।
- राजीव ' हैरान '
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सद्गुण कुछ तेरे मुझमें,
अवगुण सब मेरे,
लोरी सी तेरी यादें,
माँ तू कहाँ गई।
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