
मोह मत कर पक्षी इन तिनकों के घोंसलों का
तेज हवा आएगी तो सपनों का घर भी टूट जायेगा
ये जो मेरा, प्यारा, हमारा किया करते हो
वक्त पड़ने पर इनका सहारा भी छूट जायेगा
फिर तुम्हें अपनी बातों को सबसे छिपाना होगा
जो लोग तुमसे सुनना चाहें उन झूठी बातों को बताना होगा
ये जो बहाने दे देते हो खुद को
इन बहानों को आपने मन से मिटाना होगा
दर्द जब तुम्हारी हद से गुजर जाएगा
आंसुओं का समंदर आंखों से बिखर जायेगा
आंसुओं की धारा को खुद से भी छिपाना होगा
तुझे तेरी कहानी का हर किरदार निभाना होगा
वक्त की तेज धार से खुद को बचाना होगा
फिर कोई न सुनेगा तेरी सब खुद को ही सुनना होगा
गौर से सोच मेरे राही , कहीं ये किरदार तेरा न हो जाए
इस काल्पनिक कविता में तेरा सच में बसेरा न हो जाए
तुझे जिंदगी की वास्तविकता को समझना होगा
तुझे हर कार्य की प्राथमिकता को समझना होगाजो करने की सोची है तूने वो सच में करके दिखाना होगा
तू क्या है उसे सिर्फ बातों से नहीं वास्तविकता से बताना होगा
जो किरदार चुना है तूने वो अच्छे से निभाकर दिखाना हो
शोर तेरी बातों का तेरे अल्फाजों से नहीं लोगों की बातों से करके दिखाना होगा
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