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मथुरा के कारागृह में वसुदेव देवकी ब॔दी थे।
क॔स ने सब स॔तानें मारीं क्या कर पाते ब॔दी थे।
भादों मास अष्टमी तिथि में फिर जब पुत्र का जन्म हुआ
रक्षक सोए द्वार खुले ,वसुदेव का बाहर गमन हुआ।
न॔द यशोदा के घर जन्मी कन्या को लेकर आए।
तब उसकी किलकारी सुनकर रक्षक सभी जाग पाए।
न॔द यशोदा के आंगन में कान्हा ने लीलाएं की ।
ग्वाल
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