
Share0 Bookmarks 128 Reads0 Likes
एक अजीब-सी सिहरन
नसों में दौड़ गई !
देखा उसे मैने बिलखते हुए !
'वो'उस बुढ़िया की इकलौती बेटी !
उसका नाम – शान्ति !
जो उसे छो...ड़... च...ली...ग...ई !
हृदय को चीर गई ! उसकी –
छाती पीट दहाड़ !
डॉक्टर्स ! नर्सें ! समूचा स्टॉप !
परेशान !
सभी उपस्थित जन-समुदाय !
बूत जैसे मूक ! अवाक् !
कुछ नहीं समाधान !
ॐ शांति ! शांति ! शांति !
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments