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अदम्य साहस

R N ShuklaR N Shukla August 10, 2022
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सुख हो चाहे हो दुःख !
जीभर के जी लेता हूँ ।
जिंदगी के सारे जहर –
हँस-हँस के पी लेता हूँ ।

तू जितना भी आजमाए जा
ऐ  मेरी जिंदगी !
तुमसे मैं जीभर के प्यार कर लेता हूँ ।

तैरते-तैरते जब थकने लगता हूँ
तब पानी की सतह पर अपने को
पूरी तरह निढाल छोड़ देता हूँ –
कुछ क्षणों , कुछ मिण्टों के लिए !
आँखे बन्द किये

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