देखी हैं।'s image
Share0 Bookmarks 92 Reads0 Likes
ऐसा तो हरगिज़ नहीं की ये रात देखी हैं 
इस से पहले ये हिज्र की रात नहीं देखी हैं 

अब ये बिलाप उम्र भर के लिए हैं 
तुझको रुखसत होते हुए जो देखी हैं 

कौन ले सुध बिछड़े यार का
मैने तो बिरह में तड़पते लाश देखी हैं 

हुई होगी इस्तिकबाल की तयारी कहीं और
यहां तो बस गाते हुए मर्सिया देखी हैं 

होगी मेरी मय्यत भी खुशामद वाली
जब से उठते हुए तेरी डोली देखी हैं 

और सुनाए क्या ख़बर दस्तांगो अब
जिसने अधूरी मोहब्बत की मुक्कमल दास्तां देखी हैं।

@Rahmat Dilshad

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts