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मैं तपती रेत प्रिय हो मंँहगा एसी कूलर तुम
मैं प्रदूषण दिल्ली का हो एयर प्यूरीफायर तुम
छूने से तुझे होती है धड़कन तेज लगता करंट
४४० वोल्ट के झटके देने वाली हो वायर तुम
गलती चाहे जिस की हो सॉरी हमेशा मैं बोलूँ
वरना लोडेड गन सा होती मुझ पे फायर तुम
तेरे सिवा देखूँ या करूंँ तारीफ़ किसी और की
आँख ऐसे दिखाती हो जैसे जनरल डायर तुम
पिछले तीन साल से लगा हूंँ ब्वॉयफ्रेंड की तरह
परमानेंट के लिए कर लो मुझ को हायर तुम
होंठो पे रख के होंठ आओ गुनगुनाओ मुझे
मैं हूंँ एक ग़ज़ल "पुरु" हो आला शायर तुम
×××
©पुरुषोत्तम
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