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माना तुम गोरी चिट्टी हो और मैं सांँवला हूँ
तू नही चाहती फिर भी तेरे पीछे बावला हूँ
ऐसा करो तुम चख कर देख लो एक बार
स्वाद आम का है दिखता बस आंँवला हूंँ
मुझसे मिलके हर शख़्स मेरा हो जाता है
ना जाने तुम्हारे लिए ही क्यूंँ मसअला हूंँ
ताउम्र साथ निभाओगे तुम पूछो तो हमसे
हांँ कहने के लिए ही तो कबसे उतावला हूंँ
रखूंँगा तुमको सदा अपनी रानी बनाकर
गांँव का चहेता मैं मांँ बाप का लाडला हूंँ
×××
©पुरुषोत्तम
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