PRIYANKA SIRASWAL's image

Couplets by Priyanka Siraswal


उलझन बढ गयी है मेरी

दोस्ती खत्म हो रही है,

परेशान हूँ थोडी, क्यूंकि

धड़कने बढ रहीं हैं।

वो करीब आ रहा है

मेरे कदम सुन पडे हैं,

वो हँसा रहा है

मेरे होंट खिल पडे हैं।

उलझन बढ गयी है मेरी

दोस्ती खत्म हो रही है,

शायद वो बदल जाएगा 

या मैं बदल जाऊगी,

इस बात की मेरे दिल दिमाग

में बहस हो रही है।


आज रोक लूं कदम तो शायद सारी जिदंगी पछताऊंगी,

कोई क्या सोचेगा या लोग क्या कहेंगे,

ये सोचकर शायद इन्हीं सवालों में उलझ कर रह जाऊगी।


मेरी हर छोटी से छोटी खुशी,

उसे बताए बिना अधूरी है।


अक्स अधूरा है मेरा,

तेरी आँखों में देखे बिना,

हजारों आईने देखे किसी में अक्स पूरा ही नहीं है।


मगर अब आँख को मुश्किल बडी है,

शुक्र है ख्वाब ही थे वरना

हकीकत तो सपनों से भी कडी है।


सफ़र की शाम हो गयी लेकिन,

मंजिल का सवेरा देखना अभी बाकी है।


चारदीवारी में कैद हूँ अभी,

कभी खोल दो दरवाजा

फिर उडान देखना।


वो जो अपना लगता है

वो बस लगता ही है

वो ना कभी अपना था,

ओर ना कभी होगा।


इक पुरानी याद मेरे जहन में बसती है,

के तु जब जब हँसता था मेरी रूह खिल जाती थी।


बेसबर हूं तुझे देखने की चाह में,

तुझे देख कर रुह मेरी सुकून पाएगी

ना जाने कब ये 'ईद' आएगी।


आज हँसूं मैं इतना की मेरी आँखें रोने लगे,

दर्द भी मुस्कुरा कर मुझे खोने लगे।


मेरा प्यार तेरी 'हाँ" का मोहताज नहीं,

मोहब्बत करती हूं ओर करती रहूंगी।



बेवजह नहीं है नफरत मेरी

किसी अपने ने खूब रूलाया है,

फिर भी मेरी हर दुआ में नाम उसी का आया है।


बेईमान हूँ तेरे इश्क में मैं,

तेरा हर एक पल बस मेरा है।


देर से ही सही तू आया तो है,

लगता है अपने किये पर पछताया तू है।


गले से लगा लो 

थोडा सा मैं हंसू,

थोडा तुम भी मुस्कुरा लो।


युं ही तो नहीं मैं खफा हूं,

तू पूछ ही ले मेरी नाराजगी।


नहीं बनना मुझे खाली समय का खिलौना,

जो टूटने के बाद नया खरीद लिया जाए।


कितनी हसीन तेरी नाराजगी है,

खफा है मुझसे मगर

फिर भी ख्याल मेरा है।


जुबान से झूठ तु हजार बोल,

गवाही तेरी आँखें देंगी।


कभी हाल ही पूछ लिया कर,

बेचैनी थोडी तो कम होगी मेरी।


जो खास होती है 

वो मोहब्बत एक तरफा होती है।


अब शिकायतें कम हो गयी है मेरी

क्योंकि,अब कोई सुनने वाला नहीं रहा।


करीब तो हो मगर मेरे साथ नहीं हो तुम,

तेरा चुप रहना ही ये एहसास करा देता है।


जिंदा हो कर भी जान नहीं है,

एक औरत की जिंदगी का कोई अनजाम नहीं है।



बस यूं समझ लो की एक कठपुतली सी हूँ मैं,

आज तक डोर घरवालों के हाथों में थी

कल को घरवाले के हाथों में होगी।


थोडी परेशान सी हूँ खुद से,

तु एहसान करदे मेरा हाल पूछ कर।


भरोसा बाकी है अभी थोडा ओर,

कुछ रह गया हो तो फिर से तोड जाना।



उसका नजरिया अलग है दुनिया को देखने का,

वरना लोगों ने तो खामियाँ बहोत बताई थी मुझमें।


बहोत बेफिक्र ही हूँ ,

जब से तूने फिक्र करना शुरू किया है।


मुझमें तेरा हिस्सा एक एहसास बेहिसाब है,

तेरी मुलाकात का वो किस्सा बहुत लाजवाब है।


बडे़ बडे़ घरों में बहुत खामोशी होती है,

अक्सर खुशियों को झोपडी में शोर मचाते देखा है।


दिये में बाती की तरह हूँ मैं,

जब तक तु तेल की तरह मेरे साथ रहेगा 

मैं यूं ही रोशन रहूंगी।


करके सब कुछ खत्म वो 

मुझे अनजान बना कर चला गया,

मेरी बेहिसाब सी मोहब्बत का वो

हिसाब करके चला गया।



बातें सारी जानी पहचानी थी,

बस अनजान हो जाना उसका हुनर है।

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts