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दिल को मोहब्बत की कोई आश नहीं है
ना ही कोई अब दिल के पास नहीं है
जाओ ना अपनी तसल्ली लेकर दूर मुझसे
मैंने बोला ना दिल मेरा उदास नहीं है
यादें तेरी तूझसे ज़्यादा वफ़ा निभाती हैं
पर तूझे बेवफ़ाई के सिवा कुछ रास नहीं है
क्या तुम्हें मेरी याद ना आएगी कभी?
क्या तुम्हें मेरी मोहब्बत का एहसास नहीं है
क्यों आई थी मेरे ज़िंदगी में मोहब्बत बनके
जब तुम्हारे दिल में मेरे लिए कुछ खास नहीं है
जाओ और कभी लौटकर आना मत क्योंकि
अब इन आंखों को तेरे चेहरे की तलाश नहीं है
ना ही कोई अब दिल के पास नहीं है
जाओ ना अपनी तसल्ली लेकर दूर मुझसे
मैंने बोला ना दिल मेरा उदास नहीं है
यादें तेरी तूझसे ज़्यादा वफ़ा निभाती हैं
पर तूझे बेवफ़ाई के सिवा कुछ रास नहीं है
क्या तुम्हें मेरी याद ना आएगी कभी?
क्या तुम्हें मेरी मोहब्बत का एहसास नहीं है
क्यों आई थी मेरे ज़िंदगी में मोहब्बत बनके
जब तुम्हारे दिल में मेरे लिए कुछ खास नहीं है
जाओ और कभी लौटकर आना मत क्योंकि
अब इन आंखों को तेरे चेहरे की तलाश नहीं है
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