
Share0 Bookmarks 183 Reads2 Likes
धरा पे तुम बनकर आई "आद्विका" हो
मेरे घर में तुम प्रसाद माॅं काली का हो
लक्ष्मी और दुर्गा का पावन संयोग हो तुम
सरस्वती हो, कल्याण का सुयोग हो तुम
बुद्धि और विवेक तुम्हारा, तुम हो ज्ञानी
अपने बल पर अडिग सदा ही स्वाभिमानी
तुमको क्या आशीष दूॅं तुम हो भाग्यशाली
तुम्हारी श्रद्धा पाकर हुए हैं हम बलशाली
ईश्वर ने दिया है ये अधिकार तुम्हीं को
करना है धरती का उद्धार तुम्हीं को
तुम्हारा यशगाथा हो पर्वत से भी ऊॅंचा
नमन करे हर प्रहर तुम्हें ये विश्व समूचा
मेरे घर में तुम प्रसाद माॅं काली का हो
लक्ष्मी और दुर्गा का पावन संयोग हो तुम
सरस्वती हो, कल्याण का सुयोग हो तुम
बुद्धि और विवेक तुम्हारा, तुम हो ज्ञानी
अपने बल पर अडिग सदा ही स्वाभिमानी
तुमको क्या आशीष दूॅं तुम हो भाग्यशाली
तुम्हारी श्रद्धा पाकर हुए हैं हम बलशाली
ईश्वर ने दिया है ये अधिकार तुम्हीं को
करना है धरती का उद्धार तुम्हीं को
तुम्हारा यशगाथा हो पर्वत से भी ऊॅंचा
नमन करे हर प्रहर तुम्हें ये विश्व समूचा
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments