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अभी तो बस शीर्षक लिखा है
पूरी कहानी आनी बाकी है।
ये सब तो मेरा बचपना है
अभी मेरी जवानी आनी बाकी है।
|| प्रेम राज शुक्ला ||
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अभी तो बस शीर्षक लिखा है
पूरी कहानी आनी बाकी है।
ये सब तो मेरा बचपना है
अभी मेरी जवानी आनी बाकी है।
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