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तुझसे मिलने हम तेरे शहर आयेंगे
तेरी लिखी हुई सब ग़ज़ल गायेंगे
तेरे हाथों में टूटी हुई चूड़ियां
चांद बनती रही टूटती चूड़ियां
तेरे पैरों की पायल की मीठी सी धुन
तेरी बहकी सी बातें और प्यारी सी धुन
तेरी आंखों से रोशन हुए हैं कंवल
तेरी बातों से महके हुए हैं ग़ज़ल
कान की बालियां और रेशम से बाल
नर्म लहज़ा तेरा,होंठ हैं सुर्ख लाल
तेरी माथे की बिंदी,गुलाबी हैं गाल
ये शोख़ी अदायें और बच्चों सी चाल
तेरे रंग ओ रूप से खिला आसमां
ये बारिश का मौसम और प्यारा धुआं
ओस की बूंद जैसे चमकते नयन
संगमरमर के जैसा ये तेरा बदन
तेरी याद में कितनी गज़लें लिखीं
किताबें लिखी,कितनी नज़मे लिखीं
जो तूझसे हुए हम कभी रूबरू
खुदा भी वहीं था,तेरे हुबहू
ख़्वाब लेके चली थी तू इक दिन शहर
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