
Share0 Bookmarks 22 Reads1 Likes
मुझें मत बताओं किधर जा रहे हो
मिलो एक दफ़ा तुम अगर जा रहे हो
परेशां हैं वो जो तुम्हें चाहते हैं
किसे चाहने में बिख़र जा रहे हो
नहीं जानते हो या रिश्ता नहीं है
मिरे सामने से गुज़र जा रहे हो
किसी को मिले हमसफ़र की तरह क्या
तिरे साथ है वो जिधर जा रहे हो
ये आब ओ हवा ये नदी और ये पेड़
हो सबकी ज़रूरत मगर जा रहे हो
कहाँ आते हैं जो चले जाते हैं वो
कहो आ रहे हैं अगर जा रहे हो
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments