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परेशां हैं वो जो तुम्हें चाहते हैं

PRAVEEN BHARDWAJPRAVEEN BHARDWAJ March 12, 2023
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मुझें मत बताओं किधर जा रहे हो

मिलो एक दफ़ा तुम अगर जा रहे हो



परेशां हैं वो जो तुम्हें चाहते हैं

किसे चाहने में बिख़र जा रहे हो



नहीं जानते हो या रिश्ता नहीं है

मिरे सामने से गुज़र जा रहे हो



किसी को मिले हमसफ़र की तरह क्या

तिरे साथ है वो जिधर जा रहे हो


ये आब ओ हवा ये नदी और ये पेड़

हो सबकी ज़रूरत मगर जा रहे हो


कहाँ आते हैं जो चले जाते हैं वो

कहो आ रहे हैं अगर जा रहे हो




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