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विरासत के हीरों का सजदा मुझे अच्छा नहीं लगता,
मासूमियत और नादानी का ये पर्दा मुझे अच्छा नहीं लगता।।
इन्हीं सिलसिलों से खफ़ा हैं मुझसे सुबह-ओ-शाम,
विष पिलाता यह मयकदा मुझे अच्छा नहीं लगता।।
लिपटा है लिबास की तरह रुह से मेरी,
मेरा और अतीत का राब्ता मुझे अच्छा नहीं लगता।।
जब पूछेंगे वो मुझसे सवाल कड़वे तो कहूंगा,
आपके सवालों का इरादा मुझे अच्छा नहीं लगता।।
हालात
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