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हृदय की ज्योति

Prakriti AgrawalPrakriti Agrawal March 25, 2022
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आंखों को ना पढ़िए, यह भावुक हैं, भावना में बह जाएंगी,

चेहरे से हाल-ए-दिल पूछिए, इसे दर्द में मुस्कुराना आता है।

आंखें है निश्छल, ह्रदय का दर्पण,

ह्रदय का हर भाव कर देतीं है प्रतिबिंबित, चेहरा एक कुशल राजनीतिज्ञ ,

परिस्थितिनुसार भावना करता है दर्शित।

नाता आंख और ह्रदय का जैसे दीया और बाती ,

हृदय अपने अंतस से उन्हें सींचे, वह फैलातीं उसकी ज्योति।

चेहरा जब ह्रदय की वाणी ना समझता,

तब आंखों को ही निहारता ,

इस कशमक

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