प्रलय ज्वाला's image
Poetry1 min read

प्रलय ज्वाला

PragyaPragya August 19, 2022
Share1 Bookmarks 55139 Reads1 Likes

प्रलय ज्वाला


हो प्रचंड अग्नि ऐसी, कि अंबर भी ढक जाए धूम से।

बजे रणभेरी ऐसी, कि प्रश्न करें सभी महाकाल से।।

निकाल लो तलवार, नष्ट कर दो निस्सार जगत को शान से ।

धधका दो प्रलय ज्वाला ऐसी, कि कठोर बन जाएँ सभी सुमन से।।

करके एक करारा वार, हो अनुरंजित तुम विप्लव से।

निकालो ध्वनि ऐसी, कि आ जाए उद

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts