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लाख रख लो अपनी जुल्फों को रिबन की कैद में,
फिर भी मेरी रिहाई के कोई रास्ते नहीं दिखते..
मैं तो खुद नहीं चाहता यूँ गिरफ्त में रहना,
पर इस चाहत के अब कोई मायने नहीं दिखते..
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लाख रख लो अपनी जुल्फों को रिबन की कैद में,
फिर भी मेरी रिहाई के कोई रास्ते नहीं दिखते..
मैं तो खुद नहीं चाहता यूँ गिरफ्त में रहना,
पर इस चाहत के अब कोई मायने नहीं दिखते..
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