'मन सूना ...बिन दीप शिवाला''s image
Love PoetryPoetry1 min read

'मन सूना ...बिन दीप शिवाला'

Pradeep Seth सलिलPradeep Seth सलिल February 5, 2023
Share0 Bookmarks 60172 Reads0 Likes


किसका तम किसका उजियाला।


रे बसन्त आया कलियों का

मधुर कण्ठ का पिया मिलन का

प्रणय गीत गाता नित भौंरा

पुष्प कलि किसी मृदु-चुभन का,

मेरा बसन्त आँसू की माला

किसका तम किसका उजियाला।


पुरवाई मदिरा में भीगी

हवा बनी सुरबाला निखरी

शोर मचा आया बसन्त रे

वन उपवन मादकता बिखरी,

पीर मेरी, मेरी मधुशाला

किसका तम किसका उजियाला।

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts