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किसका तम किसका उजियाला।
रे बसन्त आया कलियों का
मधुर कण्ठ का पिया मिलन का
प्रणय गीत गाता नित भौंरा
पुष्प कलि किसी मृदु-चुभन का,
मेरा बसन्त आँसू की माला
किसका तम किसका उजियाला।
पुरवाई मदिरा में भीगी
हवा बनी सुरबाला निखरी
शोर मचा आया बसन्त रे
वन उपवन मादकता बिखरी,
पीर मेरी, मेरी मधुशाला
किसका तम किसका उजियाला।
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