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"घर पर दुख की चढ़ी लताएँ"
दरिया में देखी परछाईं
लहरें पीर बनी घर आयीं,
घर पर दुख की चढ़ी लताएँ
इकलौते कमरे में आयीं,
चुन्नू का बस्ता है खाली
अभी किताबें घर न आय
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"घर पर दुख की चढ़ी लताएँ"
दरिया में देखी परछाईं
लहरें पीर बनी घर आयीं,
घर पर दुख की चढ़ी लताएँ
इकलौते कमरे में आयीं,
चुन्नू का बस्ता है खाली
अभी किताबें घर न आय
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