कुछ नया's image
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चल उठ कुछ नया करते हैं,

खुद के दामन को फूलों से भरते हैं,

अक्सर उन्हें रोते ही देखा है,

जो लोग इंतजार में आहे भरते हैं


तू खुद में कितनी हसीन है,आ

खुदी से आगाज़ ए महोबबत करते हैं,

रूसवा होकर कोई क्या ही पाया है,

दुखी लोगो पर लोग अकसर हंसा करते हैं


तेरी

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