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यूं छुप छुप जाओगे,
तो हमें कहां पाओगे,
हम तो हवा में महकते है जाना,
फिजाओं से हमको कैसे चुराओगे
शाखों पे पत्ते सरसराते है जैसे,
पायल की खनक को कैसे दबाओगे,
ये झूटी अदावत ज
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