
Share0 Bookmarks 18 Reads0 Likes
ये समाज है प्यारे!
यहाँ लड़ना पड़ता है।
कहीं मौन की लड़ाई
कहीं बातों की बकबकाई
उबाई!
रुबाई!
इन्हीं रूढ़िवादी आडंबरों में सड़ना पड़ता है
ये समाज है प्यारे! ...........
चलने से काम नहीं चलेगा
इस मशीनी युग में
तो
भागम-भाग लगातार
बेलगाम
नहीं तो भीड़ में पिछड़ना पड़ता है
ये समाज है प्यारे! .............
वजूद अपना कायम करने के लिए
जद्दोजहद
महज!
बिन बात भी भिड़ना पड़ता है
ये समाज है प्यारे! ..............
ये दुनिया इक मझदार
गर होना हो इससे पार
तो
किसी सयाने का लड़ फड़ना पड़ता है
ये समाज है प्यारे!
यहाँ लड़ना पड़ता है।
पूनम निगम
लुधियाना
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments