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चिड़िया के बच्चे की सोच
जब तक था अण्डे के अंदर, यही सोचा करता था
सुना है जिसके बारे में क्या इतना सा है ये संसार
समय आया खिले फूल वृक्षों पर फूटी कोपलें
और अण्डे का घेरा तोड़ चिरोटे के पर फैले
घास फूस के घोंसले को देख यही सोचा करता था
सुना है जिसके बारे में क्या इतना सा है ये संसार
धीरे धीरे उस चिड़िया के बच्चे ने पढ़ना शुरू किया
अपनी चिड़िया माँ से पर फैला कर उड़ना सीख लिया
वृक्ष की एक डाल से दूसरी डाल तक का सफर उसने तय किया
और वृक्ष की डाली पर बैठ यही सोचा करता था
सुना है जिसके बारे में क्या इतना सा है य
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