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वो बचपन की यादें, वो गांव की बातें
वो दादी के किस्से, वो परियों सी रातें
वो बागों में जाना, पके आम खाना
वो पेड़ों की टहनी, का झुक जाना
बच्चों का उसका, झूला बनाना
वो खेतों की माटी, कपड़ों में लगाना
वो कीचड़ की मस्ती, में घर भूल जाना
वो कंचों का खेल, गयिया को चराना
पेड़ों की छाॅंव में, जा के सो जाना
दूसरों के खेतों, से गन्ने चुराना
यारों को देना, और हॅंस के बताना
वो पापा के साइकिल, पर कैंची चलाना
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