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महफ़िल-ए-मोहब्बत में ज़बाँ से जाम छलकाने लगता हूं मैं,
अनजाने में हर किसी अनजान को आजमाने लगता हूं मैं.!!
पहली गलती हो जाती है मुझसे जल्दी- जल्दी में गलती से,
अपनों से ज्यादा परयों को
अनजाने में हर किसी अनजान को आजमाने लगता हूं मैं.!!
पहली गलती हो जाती है मुझसे जल्दी- जल्दी में गलती से,
अपनों से ज्यादा परयों को
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