
तुम हो बस एक ही इस भुवन में ,
हो पास नहीं दूर हो बहुत ,
वो बात अलग है सबसे पास लगते हो ,
बातें हमारी बहुत कुछ कहती है ,
कुछ तुम्हारी, कुछ मेरी ,
पर हैरानी ये है चुपिया भी मौन नहीं ,
मीलों दूर का फासला खलता जरूर है ,
पर रोकता नहीं ख्यालो को मिलने से ,
कोई समझा नहीं मुझे जैसे तुम समझते हो ,
मेरी बातों को कितनी गौर से सुनते हो,
जब लगता है साथ नहीं अपने आलावा किसीका ,
उसी मोड़ पर तुम वहा मिलते हो ,
दो लोगो के बीच इश्क़ नाम की जो चीज़ होती है न ,
हमारे बीच न शायद क्या पका वही है ,
तुम्हे थोड़ा ज्यादा मेरी तरफ से थोड़ी कमी है,
पर क्या करू इस दुनिया से डरती हूँ ,
हाँ इश्क़ तुमसे जरूर करती हूँ ,
मिलेंगे जब हम तुम्हे सहेज कर पास रखना है ,
सपने देखते है जो साथ होने के उन्हें जीना है ,
वक़्त लगेगा जरूर एक दूजे को ,
एक दूजे से जुड़ा सब साथ लाने में ,
जुटे है अभी खुदको स्वंतंत्र बनाने में ,
पर इस इंतज़ार की भी अपनी खूबसूरती है ,
अगर एक न भी हो सके,
इस इंतज़ार में बिताये पल ही जिंदगी को पुरे है ,
पर हाँ अंजाम जो भी हो ,
हर किसीके के लिए इश्क़ में पड़ना बेहद जरुरी है,
इस झमेले के बिना कहा जिंदगी की कहानी पूरी है |
- पिंकी झा
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