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हाय देख देख के तेरे फूलते पिचकते गाल,
पता नहीं तेरे संग कैसे बीत गए 13 साल।
मैं तुम्हे समझता हूं ज्यादा या तुम मुझे जानती हो नस नस,
बा- वक्त उठता मन में ये सवाल।
पता नहीं मधु तुम संग कैसे बीत गए 13 साल।
कभी मुहब्बत सर पे, कभी एक दूसरे के देखना भी नहीं मुहाल,
यूहीं रूठते मनाते पता नहीं कैसे बीत गए 13 साल।
फक्कड़ गुमने वाले इंसान को कराया जिमेदारियों का बोध,
तुमने ही दिया वो बिटिया जो मेरी छाती से चिपक के सो जाती है रोज।
कभी धूप कभी छांव ने फैलाए कई जाल,
पता नहीं कब मधु तुम संग निकल गए 13 साल।
@रोमिल
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