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ऑक्सीजन तो माया है,
दिखता नहीं है पर पूरे वातावरण में छाया है।
यूहीं लोग मरते हैं,
पतझड़ में तो अक्सर सूखे पत्ते झड़ते हैं।
फिर भी जो रह गई कमी,कुछ बाबा लोग भी आयेंगे।
काढ़े का भी ताना बाना है,अपना पूनावाला भी मेरा दीवाना है।
कुछ लोग तो परछाइयों से भी डरते हैं।
पतझड़ में त
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