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चुनाव और हमारे नेता

रोमिलरोमिल January 16, 2022
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नेता को सिर्फ मतदाता दिख रहे,

आम आदमी की जंग पहले की तरह ही जारी है,

नेता मेढक की तरह उछल रहे,

लगता है चुनाव की तैयारी है।


बेरोजगार रोजगार ढूंढ रहे,

आम आदमी महंगाई से मर रहे,

नेता अपना बगुला भगत,

मलाई की खोज में निकला शिकारी है।


लगता है चुनाव की तैयारी है।


नेता हमारे दलित के घर भोजन कर रहे,

आम आदमी बिन भोजन सिहर रहे।

नेता अपना चतुर लोमड़ी,

फोटो खिंचवाने की होड भारी है।


लगता है चुनाव कि तैयारी है।


सपा,बसपा,भाजपा में रहा न कोई भेद,

सफेद टोपी लाल हो गई, लाल हो गई सफेद।

नेता अपना भूखा अजगर,

पूरे प्रदेश को निगलने की कोशिश जारी है।


लगता है चुनाव कि तैयारी है।


काशी,अयोध्या,मथुरा की आयी सबको याद,

पर कोई नहीं सुनता बेबस बेटियों की फरियाद।

नेता अपना परिपक्व गिरगिट,

पुराने वादे पूरे हुए नहीं पर नए वादे पहले से भारी है।


लगता है चुनाव कि तैयारी है।


Covid 19 हर जगह फैल रहा,

रैलियों का नहीं कोई आभाव।

निर्वाचन आयोग ठहरा हाथी,

बहुत धीरे चलता वहां बैठा अधिकारी है।


लगता है चुनाव कि तैयारी है।

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